Wednesday, August 29, 2012

मुरलि सार

Image_Setup 29-08-12 प्रात:मुरली ओम् शान्त ''बापदादा'' मधुबन मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हेंअब लाइट हाउस बनना है, तुम्हारी एक आंख में मुक्तिधाम, दूसरी आंख में जीवन मुक्तिधाम है, तुम सबको रास्ता बताते रहो'' प्रश्न: अविनाशी पद का खाता जमा होता रहे, उसकी विधि क्या है? उत्तर: सदा बुद्धि में स्वदर्शन चक्र फिरता रहे। चलते-फिरते अपना शान्तिधाम और सुखधाम याद रहे तो एक तरफ विकर्म विनाश होंगे दूसरे तरफ अविनाशी पद का खाता भी जमा होता जायेगा। बाप कहते हैं तुमको लाइट हाउस बनना है एक आंख में शान्तिधाम, दूसरी आंख में सुखधाम रहे। गीत:- जाग सजनियां जाग... Video song: http:// www.youtube.com/ watch?v=1in32E1i GJQ&feature=you tube_gdata_play er धारणा के लिए मुख्य सार: 1) बाप का व पढ़ाई का कदर रखना है। समय प्रति समय स्वयं को रिफ्रेश करने की युक्तियां निकालनी है। बहुतों के कल्याण के निमित्त बनना है। 2) आपस में ज्ञान की ही बातें करनीहैं। क्रोध का अंश भी निकाल देना है। कोई कडुवा शब्द बोले तो सुना न सुना कर देना है। वरदान: अपने देवताई संस्कारों को इमर्ज कर दिव्यता का अनुभव करने वाले व्यर्थ से इनोसेंट, अविद्या स्वरूप भव जब आप बच्चे अपने सतयुगी राज्य में थे तो व्यर्थ वा माया से इनोसेंट थे इसलिए देवताओं को सेंट वा महान आत्मा कहते हैं। तो अपने वही संस्कार इमर्ज कर, व्यर्थ के अविद्या स्वरूप बनो। समय, श्वांस, बोल, कर्म, सबमें व्यर्थ की अविद्या अर्थात् इनोसेंट। जब व्यर्थ की अविद्या होगी तब दिव्यता स्वत: और सहज अनुभव होगी इसलिए यह नहीं सोचो किपुरूषार्थ तो कर रहे हैं - लेकिन पुरूष बन इस रथ द्वारा कार्य कराओ। एक बार की गलती दुबारा रिपीट न हो। स्लोगन: रूहानी गुलाब वह है जो कांटों के बीच में रहते भी न्यारेऔर प्यारे रहते हैं। JAAG SAJANIYA JAAG - Baba Murli Song - Brahma Kumaris. CLICK HERE TO DAWNLOAD

No comments:

Post a Comment