Wednesday, August 8, 2012

मुरलि सार

08-08-12 प्रात:मुरली ओम् शान्त ''बापदादा'' मधुबन मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम हो रूहानी सर्जन और प्रोफेसर, तुम्हें हॉस्पिटल कम युनिवर्सिटी खोल अनेकों का कल्याण करना है'' प्रश्न: बाप भी धर्म स्थापन करते और अन्य धर्म स्थापक भी धर्म स्थापन करते, दोनों में अन्तर क्या है? उत्तर: बाप सिर्फ धर्म स्थापन करके वापस चले जाते लेकिन अन्य धर्म स्थापक अपनी प्रालब्ध बनाकरजाते हैं। बाप अपनी प्रालब्ध नहीं बनाते। अगर बाप भी अपनी प्रालब्ध बनायें तो उन्हें भी कोई पुरूषार्थ कराने वाला चाहिए।बाप कहते मुझे बादशाही नहीं करनी है। मैं तो बच्चों की फर्स्टक्लास प्रालब्ध बनाता हूँ। गीत:- रात के राही... Video song: http:// www.youtube.com/ watch?v=qTmzjkAh tFw धारणा के लिए मुख्य सार: 1) नष्टोमोहा बन एक बाप से ही अपनाबुद्धियोग रखना है। देही-अभिमानीबन यही शिक्षा धारण करनी और करानीहै। 2) मन-वचन-कर्म से भारत को सुख देना है। मुख से हर एक को ज्ञान केदो वचन सुनाकर उनका कल्याण करना है। शुभचिंतक बन सबको शान्तिधाम, सुखधाम का रास्ता बताना है। वरदान: रूहानी सोशल वर्कर बन हलचलके समय परिस्थितियों को पार करने की हिम्मत देने वाले सच्चे सेवाधारी भव अभी समय प्रति समय विश्व में हलचलबढ़नी ही है। अशान्ति वा हिंसा केसमाचार सुनते हुए आप रूहानी सोशल सेवाधारी बच्चों को विशेष अलर्ट बनकर अपने पावरफुल वायब्रेशन द्वारा सबमें शान्ति की, सहन शक्ति की हिम्मत भरनी है, लाइट हाउस बन सर्व को शान्ति की लाइट देनी है। यह फर्जअदाई अब तीव्रगति से पालन करो जिससे आत्माओं को रूहानी राहत मिले। जलते हुए दु:ख की अग्नि में शीतल जल भरने का अनुभव करें। स्लोगन: सर्व का मान प्राप्त करनाहै तो निर्मानचित बनो। RAAT KE RAHI Thak Mat Jana -Very Meaningful - ShivBaba Murli Song - Brahma Kumaris.

No comments:

Post a Comment